ये आज की दुनिया की हकीकत है....

 


this is the reality of today's world.



एक बार फिर ख़ुद से नफरत सी हो रही है। की मैं एक ऐसे पुरुष प्रधान समाज का हिस्सा हूं।.... जहां के पुरुषों ने.... नारियों का अपमान, मान भंग करने की कसम खाई है।....आप सभी जानते ही हो की हमारा भारत देश जिसे भारत माता कह कर भी बुलाया जाता है। उसी भारत माता का मान अब छल्ली छल्ली हो गया। ...ये वही भारत माता है।... जिसमें नारी के मान के लिए कई युद्ध ... महाभारत देखी।......

ये वही भारत माता है!... जहां नारियों की पूजा होती है ।... जहां उनका सम्मान बचाने के लिए हजारों लाखों वीर योद्धा हँसते हँसते वीरगति को प्राप्त हो जाते थे।...

ये वही भारत माता है! " जहां शिव से पहले ' शक्ति!', कृष्णा से पहले ' राधा!', राम से पहले 'सीता ' , को पूजा जाता था।  पुरुषों से ज्यादा नारियों को सम्मान दिया जाता था। यहीं कारण है की अपने देश को भी  एक नारी की तरह सम्मान दिया गया और उसे माता मान कर पूजा जाता था।...

पूरी दुनियां में सिर्फ एक ही देश ऐसा है। जिसे माता का स्थान दिया।...और उसी के नाम से जाना जाता है।... और वो है हमारी भारत माता 🫡🇮🇳।.....

जो गर्व से अपना सिर उठा कर अपने देश के गोरव, प्रगति , उन्नति होते हुए देखती थी।.... सत् युग से लेकर कलयुग तक।... हर युग में नारी के मान पर सवाल उठे।...हर बार उस के  character, पर सवाल उठाए। उन्हे उन चीज़ की सज़ा दी। जिसमें उनका कोई fault नहीं था।...

चाहे वो सीता की अग्नि परीक्षा हो!...या द्रोपति का वस्त्र हरण!....या फिर कलयुग का मणिपुर की दो लड़कियों को बिना कपड़ों के सड़क पर दौड़ाना हो।...हर बार!...हर बार !...औरतो को ही अपना मान, आत्म सम्मान,इज्जत खोना पड़ता है। 

हर बार !...हर बार!... इस पुरुष प्रधान देश ने अपने मतलब के लिए,... अपनी जरूरत , सुविधा के लिए,...अपने गुस्से के लिए ,..नारी का उपयोग किया कभी उसे फिजिकली हर्ट किया ,... कभी मेंटली।...उसे  अपने ego को satisfy करने के लिए।....कभी अपना बदला लेने के लिए... ऐसे कई और भी कारण है, but में सभी इस एक छोटे से ब्लॉग में नहीं लिख सकती,  वरना...अब आप खुद ही  समझदार है।...

कब तक!... कब तक!... चलता रहेगा। ये सब ....द्वापर युग में तो फिर भी भगवान कृष्ण ने द्रोपति को भरी सभा में निर्वस्त्र होने से बचा  लिया था।....

But ये कलयुग है।... यहां द्रोपदी की लाज बचाने कोई केशव नहीं आने वाला ....अगर आने वाला! होता तो, जो मणिपुर में हुआ वो हुआ ना होता।....but इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं की वो न्याय नहीं करेगा।.... न्याय तो होगा!.. जरूर होगा!.. 

श्री कृष्ण कहते है" जब जब किसी नारी का मान भंग होगा, जब जब कोई दुशासन किसी द्रोपदी के केशो को हाथ लगाया।...., तब तब किसी न किसी रूप में आरंभ होगा महाभारत का!......"

आरंभ तो हो गया अब बस देखना ये है की अब की बार कृष्णा कब और कैसे कलयुग की महाभारत रचता है।....

जो उन लड़कियों के साथ हुआ!.. और उनके जैसी ना जाने कितनी ही लड़कियों के साथ हुआ होगा! और हो रहा होगा!....

वो देर सबेरे उनके बारे में हमे पता चल ही जाता है। Help of social media.... आज के टाइम इसे ज्यादा पॉवर फूल और कोई नहीं।.... इसकी पॉवर के बारे मै मुझे नहीं लगता कि मुझे कुछ भी कहने की ज़रूरत है।...इतना तो आप सब जानते ही हो।.....इसी की help से हमें मणिपुर की गिरी हुई , गिरा तो बहुत छोटा वर्ड है इस हादसे के लिए।....but मैं क्या करूं मुझे इस हादसे के लिए कोई वर्ड नहीं मिला।.. क्योंकि i am sure  जब भाषा का अविष्कार किया जा रहा होता तो उन्होंने  कभी ऐसी situation imagine ही नहीं की होगी।....


अब सवाल ये उठता है कि उन लड़कियों के साथ जो हुआ उसके बारे में तो सबको पता है but उसके दोषियों के साथ क्या हो रहा है। क्या कोई जानता है?.... हम जानते हैं की जो दोषी पकड़े गए हैं वो जेल की श्लाखो के पीछे है। ...but उन्हे क्या punishment दी जा रही है?...कोई नहीं जानता..... सरकार ने कहा कि वो उन्हे कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी।....

but मेरा question ये है की ....

जो उन्होंने किया उसके लिए उन्हें जेल के अंदर चार दीवारों में सज़ा देना क्या सही है?....

क्या आपको नहीं लगता जो उन्होंने किया उसकी सज़ा उन्हे सबके सामने देनी चाहिए जिसे आने वाली generation को lesson मिले।....ताकि वो ये पाप करने की अपने सपने में भी सोचे तो उनके रोंगटे खड़े हो जाए।.....

जिस तरह उन्होंने अपने lust, EGO, के चलते अपने गौरव, अपनी संस्कृति को भरे बाज़ार वस्त्रहीन कर ,उनका जुलूस निकाला...उनका मान भंग कर उनके साथ सामूहिक शोषण किया।....जब उनके परिवार वाले उन्हे बचाने आए तो उन्हें भी मार डाला।....और हैरानी की बात तो ये है की ये सब करने वाले 1,2,3,4.... नहीं बल्कि पूरा एक समूह था। जिसने 20-से 25 लोग शमिल थे।...

उनके साथ भी वो सब होना चाहिए जो उन्होने किया। but फ़र्क इतना है की अगर उन लोगों को निर्वस्त्र भी कर दिया जाए तो भी उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी क्योंकि उनके पास तो इज़्जत सम्मान जैसा कुछ है ही नहीं।....जो यूं सरे-आम बिना कपड़ों के चलने में वो उनसे छीन जायेगी।... 

इसलिए उनके साथ इसे भी बुरा होना चाहिए।... उन्हे बिना कपड़ों के मणिपुर की एक एक गली, चौराहे में धुमाया   जाना चाहिए।.. साथ ही उनका कोड़ों से सम्मान करना चाहिए।...जब तक उनके शरीर में जान है तब तक कोई भी लड़की, व्यत्ति जितना चाहे अपना गुस्सा उन लोगों को मार मार कर निकाल सकता है।....उनकी एक एक चीख सबक है उन लोगों के लिए को नारी का अपमान करते है। जो उनके साथ हो रहा है वो तुम्हारे साथ भी हो सकता है।.....

ये सज़ा भी  उनके लिए बहुत छोटी है आप हिन्दुस्तान या दुनियां की किसी भी लड़की से पूछोगे तो सब आपको इसे भी कई कई बड़ी और  घिनौनी सजा देने को कहेगी।...but मुझे अपने देश के कानून पर भरोसा है की वो उन्हे कड़ी से कड़ी सज़ा देगी।....

क्या ये वहीं हमारा आज़ाद देश है। जिसकी आज़ादी के लिए न जाने कितने वीर, वीरांगनाएं वीरगति को प्राप्त हुए।.... सिर्फ इस उम्मीद में की एक दिन इस देश के नागरिक आज़ाद देश की खुली हवा में सांस ले सकें।....उनकी बहने safe, और respective life जी सके।.....but उन्हें क्या पता था। की उसने लिए वो इतना सब कर रहे थे उन्हे आज़ादी के बाद भी यही सब मिलने वाला था।....क्या इसी दिन के लिए उन वीरो ने अपनी जान गवाई थी।....

  • नारी को देवी माना...उसकी पूजा करना...उसका सम्मान करना ये सब तो हिंदुस्तान के वीरों की निशानी थी। उनका गौरव था.....but अब वो वीर कहां?।....ये सब तो बहुत बहुत.....दूर की बात है आज के दौर पर अगर नारी को एक इंसान ही मान ले तो बहुत बड़ी बात होगी।.....
  • एक तरफ़ भारत माता की जय!.. धरती माता की जय!...माता रानी की जय के नारे लगाते हुए जो लोग थकते नहीं।...वही कुछ देर बाद तेरी मां की....तेरी बहन की...पर आ जाता है।....
  • मिट्टी की मूर्ति की पूजा करना और घर की देवी का अपमान करना।...
  • नवरात्रि में छोटी छोटी कन्याओं की पूजा कर उन्हें प्यार से प्रशाद खिलाना फिर उसका जूठा प्रशाद खुद खाना,उनके पैर धोकर, उस पानी को पीना, पुण्य समझना।....
  • अपनी पत्नी पर हाथ उठाना, उनका अपमान करना, जबरजस्ती करना, छोटी छोटी बच्चियों का शोषण करना, मां बाप पर हाथ उठाना,उनका अपमान करना, अपने ego के चलते इंसानियत भूल कर हैवान बनना अगर मर्दांगी है। तो नामर्द इनसे काफ़ी बेहतर होते है। और मैं ऐसे पुरुष प्रधान समाज में रहने से अच्छा नामर्द समाज में रखना जादा पसन्द करती हूं।

 एंड I am sure  मेरी तरह दुनिया की सारी लड़कियां भी यही सोचती है।.... क्योंकि सभी एक ऐसे समाज में रहना चाहती है जहां लोग आपका सम्मान करे, आपको आपके हिस्से का अधिकार, मान दे।..... उनके हिस्से की आज़ादी मिले।...  

और हम सभी जानते हैं की नामर्द तो वो होते है जो उन्हें भी दिल से दुआए देते है। जिन्हे लोगों के दिल में क्या... घरों में भी  रहने की जगह नहीं होती।... बिना किसी गलती के उन्हे सज़ा दी जाती है। जिस उम्र में उन्हे अपनो की सबसे ज्यादा जरूरत होती है उसी उम्र में वो अपने ही उन्हे अकेला छोड़ देते है। फिर भी वो नामर्द उन्हे अपने सच्चे दिल से दुआ देते हैं।....

And think।... अगर अभी भी मानव नहीं सुधरा तो।...एक दिन वो था जब लड़की को जन्म से पहले ही गर्भ में मार दिया जाता था। .... अब एक दिन ऐसा भी आयेगा जब लड़की खुद अपनी मां की कोख में ही अपना दम तोड़ देगी।.... उस वक्त इंसान को अपना अस्तिव बचाने के लिए भी एक लड़की की ज़रूरत होगी but उसके पास कोई लड़की नहीं होगी।...तब उसे अपने किए पाप याद आयेगे।...but उस टाइम उसके पास रोने के अलावा और कुछ नहीं होगा।.....

#दुनियां में 80% अच्छाई है और 20% बुराई है।.... but दुख तो इस बात का है की 80%, 20%में भारी पड़ जाता है। और ये ratio आपके खुद के भीतर है। I request you अपने 20% को 80% में भारी न होने दे।....#

आज का ब्लॉग लिखने का मेरा सिर्फ एक ही motive है की समाज में हो रहे नारियों के खिलाफ अपराध कम हो सके और लोगों को  ऐहसास हो को जब किसी नारी के साथ किसी भी तरह का अपराध होता है तो उसे  एक लड़की का दर्द सिर्फ उस एक लड़की का नहीं बल्कि वो दर्द दुनियां की हर नारी का होता है। जिसमें आपकी मां, आपकी बहन,आपकी बेटी, आपकी पत्नी, दोस्त.....भी आती है। तो किसी और के लिए नहीं आप अपनो के लिए तो खुद को बदल ही सकते है।....

 क्योंकि अगर आप  ऐसा कोई भी काम करते है जिसे किसी नारी का मान भंग होता है। तो चाहे अपनी पत्नी,बहन, मां, बेटी आपसे कितना ही प्यार करती हो, आपके लिए मरने के तैयार हो जाए।....but अगर आपने ऐसी गलती की तो उनकी नज़रों में अपने लिए घिन, नफरत के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा।.....समझ आए।....

और अगर कोई व्यक्ति मेरे ब्लॉग से satisfy नहीं हो तो ...में कहना चाहती हूं सच कड़वा ही होता है। तो अच्छा होगा की आप अपनी कमी तो सुधारने की कोशिश करे।....

And respect women.... because they're give your life.....🙏....


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